डॉ. कुमार विश्वास के द्वारा रचित किताबों में से एक अद्वितीय, अनोखी, अनमोल और बेहतरीन किताब है – “Koi Deewana Kehta hai”। आज इस kumar Vishwas के poems की इस किताब से जुड़ी कुछ महतवपूर्ण बातों को आप सभी के सामने रख रहा हूँ।अगर आप हिन्दी कविता के शौक़ीन हैं, तो इस किताब को अपने काव्य संग्रह की किताबों की लिस्ट में शामिल कर सकते हैं। साथ ही इस article के अन्त में Koi Deewana Kahta hai – इस कविता के कुछ अंश भी आप सभी को पढ़ने के लिए मिलेंगे।

Koi Deewana Kehta hai Book Summary (कोई दीवाना कहता है बुक समरी)
डॉ. कुमार विश्वास अपने आप में इतना बड़ा नाम है कि मुझे इनके बारे में कुछ भी बताने की ज़रूरत नहीं है। जिनकी जीव्हा पर माँ सरस्वती का आशीर्वाद हो, ऐसे लोगों के बारे में कुछ भी बोलना या कहना छोटी मुँह बड़ी बात होती है।इस लिए इस चर्चा को यहीं विराम देते हुए आइये सीधे उनकी कृति “कोई दीवाना कहता है” इस किताब के बारे में बात करते हैं।
कुमार विश्वास की कविता “Koi Deewana Kehta hai” प्रेम कविता, भावनात्मक कविताओं का एक काव्य संग्रह है।डॉ. कुमार विश्वास अपने काव्य रचना में शब्दों को इतने बेहतरीन तरीक़े से भावपूर्ण छंदो में पिरोते है कि पढ़ने वाला भावनात्मक रूप से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता। कुमार विश्वास का पोयम “Koi Deewana Kehta hai” पूरी सादगी से भरी हुई है। लेकिन फिर भी पढ़ने वाले पर अपना एक अमिट छाप छोड़ जाती है। इस कविता के छंद न केवल रोमांटिक हैं बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं की भी छूते हैं।कवि की भाषा और लय का कुशल संयोग छंदो में एक संगीतमय खूबी को भी जोड़ता है, जिससे कविता को पढ़ने या सुनने में काफ़ी आनंद आता है। आप चाहें रोमांटिक कविता का शौक़ रखते हो या मानवीय भावनाओं से जुड़ी हुई पहलुओं में दिलचस्पी रखने वाले हों। ये कविता हर तरह के पाठकों के लिय मददगार साबित होने वाली है।इस कविता के कुछ महतपूर्ण बिंदुओं को आप इस तरह से देख सकते हैं –
प्यार और रोमांस (Love and Romance):

“Koi Deewana Kehta hai” इस बुक की अधिकतर कविता प्रेम के इर्द गिर्द ही घूमती है। जिसमें आप सभी को प्यार में पड़ने के कारण होने वाले उत्त्साह और ख़ुशी से लेकर…
जब भी मुँह ढक लेता हूँ,
तेरी ज़ुल्फ़ों की छाँव में,
कितने गीत उतर आते हैं,
मेरे मन के गाँव में।
एक गीत पलकों पर लिखना,
एक गीत होंठों पर लिखना,
यानी सारे गीत हृदय की,
मीठी सी चोटों पर लिखना………
….दिल टूटने पर होने वाले दर्द तक का बहुत ही मार्मिक तरीक़े से छंदो के रूप में प्रस्तुतीकरण किया गया है।
तुम स्वयं को सजाती रहो रात-दिन,
रात-दिन मैं स्वयं को जलाता रहूँ
तुम मुझे देखकर, मुड़ के चलती रहो,
मैं विरह में मधुर गीत गाता रहूँ
मैं ज़माने की ठोकर ही खाता रहूँ,
तुम ज़माने को ठोकर लगाती रहो,
ज़िंदगी के कमल पर गिरूँ ओस-सा ,
रोष की धूप बन तुम सुखाती रहो….
भावनात्मक परिद्र्श्य (Nostalgia and Reflection):

इस किताब की कवितायें ख़ुशी और उत्त्साह से लेकर दुःख और मन की लालसाओं तक की जटिल भावनाओं तक को बखूबी उजागर करती हैं।
तुम कल्पवृक्ष का फूल और
मैं धरती का अदना गायक
तुम जीवन के उपभोग योग्य
मैं नहीं स्वयं अपने लायक़
तुम नहीं अधूरी ग़ज़ल शुभे!
तुम साम-गान सी पवन हो
हिमशिखरों पर सहसा कौंधी
बिज़ूरी-सी तुम मनभावन हो
इसलिए व्यर्थ शब्दों वाला, व्यापार नहीं दे पाऊँगा
तुम मुझको करना माफ़, तुम्हें मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा……
विसाद और चिंतन (Nostalgia and Reflection)
कविताओं के छंद पुरानी भावनाओं की अभिव्यक्ति भी बखूबी करते हैं।जो पाठकों को भी अपने भीतर झांक कर देखने के लिए मजबूर करते हैं।
माँ को देखा कि वो बेबस-सी परेशान-सी है
अपने बेटे के छले जाने पे हैरान-सी है
वो बड़ी दूर चली आयी है मुझसे मिलने
मेरी उम्मीद की झोली का फटा मुँह सिलने
उसकी आँखों में पिता मुझको दीख जाते हैं
कभी उद्धव तो कभी नंद नज़र आते हैं
वो निरी माँ की तरह प्यार से दुलारती है
ज़िंदगी कितनी अहम चीज़ है बतलाती है……
सरलता एवं गहनता (Simplicity and Profundity)

कविताओं में इस्तेमाल होनी वाले शब्द इतने सरल और गहन कि पाठक गण बड़ी सरलता से इसका मतलब समझ जाते हैं।
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है
मुहब्बत एक अहसासों की पावन-सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है
यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखो में आँसू है
जो तु समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है…….
ये कविता कुल ११ पेज़ की है। यहाँ पर मैंने शुरू की सिर्फ़ दो लाइनें ही लिखीं हैं।”कोई दीवाना कहता है” इस काव्य बुक में कुल १२८ पेज़ है, जिनमें से ११६ पेज़ में अनगिनत बेहतरीन कवितायें हैं।जैसे – बाँसुरी चली आओ, मन तुम्हारा हो गया, मैं तुम्हें ढूँढ़ने, प्यार नहीं दे पाऊँगा, ऐसी बहुत सारी कवितायें हैं।आप ने यहाँ तक मेरा लेख पढ़ा, इसका मतलब है कि आप का भी कविताओं में इंट्रेस्ट है। अगर आप इसका प्राइस चेक करना चाहते हैं तो इस लिंक के थ्रू चेक कर सकते हैं।साथ में रिव्यू भी चेक कर सकते हैं।
Conclusion
“Koi Deewana Kahta hai” एक ऐसा काव्य संग्रह है जो मानव हृदय के असंख्य भावनाओं को एक काव्यात्मक रूप में बहुत अच्छे से अभिव्यक्त करता है।डॉ. कुमार विश्वास के इस काव्य रचना को व्यापक रूप से सराहना मिली है।चाहे आप काव्य प्रेमी हों, या प्रेम की जटिलताओं को समझना चाहते हों, या हृदय की अलग अलग भावनाओं से रूबरू होना चाहते हों, ये काव्य रचना किसी को भी निराश नहीं करने वाली है।
FAQ
Q. “कोई दीवाना कहता है” कुमार विश्वास के इस बुक को फ़्री में कहाँ से पढ़ सकते हैं?
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