हेक्टर गार्सिया और फ़्रांसिस मिरेलस के द्वारा लिखित किताब इचिगो इची में से Ten Principles of Ichigo Ichie से जुड़े तथ्यों का उल्लेख इस लेख में किया गया है। इस किताब का मुख्य सार ये है कि जीवन को वर्तमान समय में जीना चाहिये।नीचे इचिगो इची के दस महत्तवपूर्ण सिद्धांतो का उल्लेख किया जा रहा है –
1. ख़ास पलों को आगे ना धकेलें:
जीवन में हर पल महतवपूर्ण होता है।अगर हम सचेतन रूप से वर्तमान पल में जीते हैं तो वर्तमान पल में मिलने वाले अवशर को पहचान सकते हैं और उसका फ़ायदा उठा सकते हैं ।अगर हमने उस पल का फ़ायदा नहीं लिया तो वो पल हमेशा के लिये हमारे life से ग़ायब हो जायेगा।यह जीवन अभी या फिर कभी नहीं जैसे सिर्फ़ दो विकल्प ही देता है।
2. यह चीज़ आप के जीवन में एक बार ही घटने वाली है, इस भावना के साथ जीऐँ:
इस बात को इचिगो इची किताब में दिए गए शंभाला की कहानी से समझ सकते है।अगर आप इस कहानी को पढ़ना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक कर के पढ़ सकते हैं। इस कहानी के हिसाब से एक शिकारी के सामने स्वर्ग का दरवाजा खुलता है, मगर वो इस पल को पहचान नहीं सका और उस शिकारी के लिए स्वर्ग का दरवाजा हमेशा – हमेशा के लिए बंद हो गया।इस लिए जीवन में कोई भी घटना सिर्फ़ एक बार ही घटित होने वाली है, वो चाहें महतवपूर्ण हो या ना हों।
3. वर्तमान में जीना:
भूतकाल और भविष्यकाल में उलझी हुई ज़िंदगी हमेशा ही तकलीफ़ देती है। भूतकाल में, ज़िंदगी में पीछे जो कुछ भी घटित हुआ है, उसे बदला नहीं जा सकता।भविष्य में क्या होने वाला है, उसके बारे में कुछ भी नहीं जाना जा सकता। सिर्फ़ वर्तमान में ही दुनिया की सभी चीजों के निर्माण करने की क्षमता होती है।
4. जो पहले कभी ना किया हो वो करें:
आइंस्टाईन कहते हैं कि एक ही चीज़ को बार – बार करके हर बार अलग परिणाम की अपेक्षा करना ग़लत है। यादगार पलों का निर्माण करने का एक और तरीक़ा है और वह है, खुद ही काईका पलों का निर्माण करना और खुद में नयी – नयी संभावनाओं के लिए मार्ग बनाना।
5. झाझेन का अभ्यास करें:
प्रतिदिन झाझेन mediation का अभ्यास करें और देखें कि खुद के अंदर क्या – क्या चमत्कार घटित हो रहे हैं। प्रतिदिन के भागदौड़ वाली ज़िंदगी से थोड़ा बाहर निकल कर वर्तमान में जीने की आदत डालें, फिर देखें जीवन में तरक़्क़ी के नये दरवाज़े कैसे खुलते हैं।
6. पाँच इंद्रियों के लिए माइंडफूलनेस का इस्तेमाल करें:
अपनी पाँचो इंद्रियों के प्रति सजग रहें, इससे आप हर पल का सही तरीक़े से आनंद ले सकते हैं।
7. संयोग को पहचानें:
विश्व हमें जो संकेत भेजता है, उसे पहचानने की क्षमता विकसित करें।अगर हम जीवन में घटने वाले इन संयोगों को डायरी में लिखने की आदत डाल लेते हैं तो आने वाले संयोगो की संखया में काफ़ी बढ़ेगी।
8. हर मुलाक़ात को समारोह का रूप दें:
समय – समय पर आने वाले फ़ेस्टिवल का इंतज़ार करने के बजाय, होने वाले हर मुलाक़ात को असाधारण पलों में तब्दील करें।इससे आस – पास हमेशा एक सकारात्मक माहौल बना रहेगा।
9. अगर कोई चीज़ पसंद ना आता हो तो कुछ अलग करें:
हर इंसान अपने आप में एक परिवर्तनशील प्राणी होता है और उसे जब भी ज़रूरत होती है वो अपने आप को परिवर्तित कर लेता है।अगर आज आप की स्थिति ठीक नहीं है तो आप उसे तुरंत बदल कर इचिगो इची पल का निर्माण कर सकते हैं।
10. ख़ास पलों को पहचानें:
जितना ज़्यादा आप ख़ास पलों को पहचानने की आदत विकसित करेंगे, उतना हाई ज़्यादा अच्छे परिणाम आप की देखने को मिलेंगे।
ये इचिगो इची के किताब से सम्बंधित दस सिधांत थे। अगर आप और ज़्यादा जानकारी चाहते है तो इस लिंक के थ्रू इस किताब की summari भी पढ़ सकते हैं।साथ ही आप यहाँ दिए गए लिंक से बुक की प्राइस और रिव्यू भी चेक कर सकते हैं।
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