Sambhala gaon story के प्रति हर किसी को शुरू से ही जिज्ञासा बनी रही है। Sambhala संस्कृत से लिया गया एक शब्द है।इसका शाब्दिक अर्थ है, शांति का स्थान या मौन रहने का स्थान।Sambhala का ज़िक्र प्राचीन ग्रंथो में भी मिलता है।इनमे से काल तंत्र चक्र और झाँग झूँग संस्कृति के प्राचीन ग्रंथ शामिल हैं।
विष्णु पुराण के अनुसार Sambhala में ही भगवान कल्कि का अवतार होगा।ये Sambhala जगह हिमालय के तिब्बती पहाड़ियों के पास स्थित है। कुछ मान्यताओं के अनुसार भगवान कल्कि का अवतार मुरादाबाद के पास स्थित संभल गाँव में होगा। लेकिन यहाँ पर मैं Sambhala का ज़िक्र कर रहा हूँ, जो हिमालय के पास स्थित है।
Sambhala के बारे में १४वें दलाई लामा ने बोधगया में १९८५ में कालचक्र की दीक्षा के दौरान कहा था कि Sambhala कोई साधारण देश नहीं है। यहाँ पर केवल शुद्ध कर्म वाले ही पहुँच सकते हैं। Sambhala एक ऐसी भूमि है जहां पर Pure Soal वाले लोग हाई रह सकते हैं।यहाँ पर रहने वाले लोग कभी भी बीमार नहीं पड़ते और उनकी आयु भी हज़ारों साल की होती हैं।
इस जगह का ज़िक्र मैं यहाँ पर इस लिए किया क्यों कि मैं आप से एक तिब्बती कहानी साझा करना चाहता हूँ।
हेक्टर गार्सिया और फ्रांसेस्क मिरालेस द्वारा लिखित किताब इचिगो इची में एक कहानी है, जिसका title है – शम्भाला का द्वार।
इसके अनुसार एक शिकारी एक हिरण का पीछा करते-करते गांव से काफी दूर निकल जाता है और एक ऐसे पहाड़ के सामने पहुंच जाता है जहां से पहाड़ दो हिस्सों में बँटा हुआ था।
जब पहाड़ों के बीच से दूसरी तरफ़ देखता है तो उसे दूसरी तरफ काफी मनमोहक दृश्य दिखाई पड़ा, ऐसा दृश्य आज से पहले उसने कभी नहीं देखा था। शिकारी को बहुत ही आश्चर्य हो रहा था, उसे लगा यह तो किसी स्वर्ग से कम नहीं है। पहाड़ के दूसरी तरफ़ उसे हर तरफ़ हरियाली हाई हरियाली नज़र आती है, वहाँ पर जो बच्चे थे वो फलों से लदे पेड़ों के बीच खूब उछल – कूद कर रहे थे। वहाँ जानवर भी खूब खुश थे। शिकारी ये सब देखकर काफ़ी विस्मय में था।
तभी एक लम्बी दाढ़ी वाला बुजुर्ग उसके पास आकर पूछता हैं, “आपने अभी जो देखा, क्या आप को पसंद आया?”
शिकारी बोला, हाँ, ये मुझे बहुत पसंद आया। यक़ीनन ये स्वर्ग होगा।
बुजुर्ग बोला, हाँ यह स्वर्ग ही है और ख़ुशी की बात यह है कि आपने इसे खोज लिया है। क्या आप यहां रहना चाहते हैं?
शिकारी यह सुनकर बहुत ही खुश हुआ उसने बोला मैं यहां पर जरूर रहना चाहूंगा लेकिन पहले मैं यह खुशखबरी अपने परिवार,मित्रों और रिश्तेदारों को बताना चाहता हूं।उन्होंने भी आज तक ऐसी जगह नहीं देखी होगी, मैं तुरंत उन्हें भी अपने साथ ले कर आता हूं।
बुजुर्ग ने कहा, जैसी आपकी इच्छा, मैं एक बात बताना चाहता हूं शंभाला के दरवाजे जीवन में सिर्फ़ एक बार ही खुलते हैं ।
शिकारी ने कहा आप चिंता ना करें, मैं तुरंत लौट कर आता हूं।
जब तक शिकारी परिवार के सभी को लेकर वापस लौटा, तब तक शंभाला का दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो चुका था।
आप इचिगो इची किताब की समरी इस लिंक के through पढ़ सकते हैं।
Conclusion:
हमारा जीवन भी वर्तमान पलों में ऐसे ही मौके देता है अगर हमने इन मौक़ों का लाभ नहीं लिया, तो हम ये मौके हमेशा के लिए गँवा देते हैं। आपके जीवन में आने वाला कोई भी पल दोहराया नहीं जा सकता, फिर भी हम रोजमर्रा के जीवन की चिंताओं और समस्याओं में इतने उलझे होते हैं कि सभी महत्वपूर्ण बात बड़ी ही सरलता से और सहजता से भूल जाते हैं।
FAQ:
Q1. Where is Shambhala village in himalayas? शम्भाला गाँव, हिमालय में कहाँ पर है ?
शम्भाला एक पौराणिक गाँव है। जिसका ज़िक्र प्राचीन ग्रंथो में मिलता है।इसके बारे में कहा जाता है कि यह तिब्बत या नेपाल के हिमालय के पहाड़ी क्षेत्रों में कहीं स्थित है। लेकिन इसके सही Physical Location के बारे में अभी तक कुछ ज्ञात नहीं है।
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